संतान प्राप्ति किसी भी विवाहित स्त्री और पुरुष के लिए सबसे सुखद अनुभव होता है। हर स्त्री के माँ बनने की इच्छा होती है। हर कोई यह चाहता है की उनके आँगन में भी बच्चो की किलकारी हो लेकिन कुछ दंपति इस सुख से वंचित रह जाते हैं। संतान नहीं होने के कई कारण हो सकते है उनमे से एक है अशुभ ग्रहों का प्रभाव। लाल किताब के अनुसार ग्रहों के अशुभ प्रभाव को छोटे-छोटे उपाय करके दूर किया जा सकता है।
लाल किताब के अनुसार संतान संबंधी उपाय :
1. अगर संतान प्राप्ति में सूर्य बाधक हो तो :
हनुमान जी को चोला चढ़ाये, चने का भोग लगाए या बंदरो को फल खिलाये।
2. अगर संतान प्राप्ति में चन्द्र बाधक हो तो :
अपने शयन कक्ष में पलंग के नीचे ताम्बे की प्लेट रखे।
बरसात का जल बोतल में भर कर घर में रखे।
3. अगर संतान प्राप्ति में मंगल बाधक हो या गर्भस्थ में बीच में तकलीफ आ रही हो तो :
मंगलवार के दिन हनुमानजी के पैरो में नमक छुआकर स्त्री के कमर में बांध ले।
चारपाई या पलंग के सभी पायो में ताम्बे की किल ठोकनी चाहिए।
4. अगर संतान प्राप्ति में बुध बाधक हो तो :
चतुर्थी के दिन चांदी खरीद कर धारण करे।
स्नान में कूट का प्रयोग करे।
5. अगर संतान प्राप्ति में गुरु बाधक हो तो :
गुरूवार को केसर का तिलक चन्दन के साथ करे एवं पीली हल्दी, पीला चन्दन गुरु मंदिर में दान करे।
6. अगर संतान प्राप्ति में शुक्र बाधक हो तो :
सफ़ेद कपडे में चन्दन, इत्र, दही एवं सुघंदित सफ़ेद फुल रखकर कृष्ण मंदिर में दान करे।
शुक्रवार के दिन जल में दूध डालकर स्नान करे।
7. अगर संतान प्राप्ति में शनि बाधक हो तो :
काले तिल जमीन में दबा दे एवं लोहे की कील, चाक़ू, शनि मंदिर में दान करे।
शनि मंदिर में १० बादाम चढ़ा कर उसमे से ५ बादाम घर में लाकर रखे बाद में १ या २ साल के बाद कभी भी नदी में प्रवाहित कर सकते है।
8. अगर संतान प्राप्ति में राहू बाधक हो तो :
अपने पास चांदी का चौकोर पतरा रखे एवं लोहे की अंगूठी दाए हाँथ की मध्यमा उंगली में धारण करे।
अपनी पत्नी से दुबारा शादी करे।
9. अगर संतान प्राप्ति में केतु बाधक हो तो :
किसी गरीब व्यक्ति को कम्बल का दान बुधवार के दिन करे एवं मंगलवार के दिन दोपहर में शीशे की अंगूठी गौ मूत्र में धोकर दाए हाँथ की कनिष्ठिका उंगली में धारण करे।
बुधवार के दिन मसूर की दाल दान करे।
लाल किताब के अनुसार संतान संबंधी सामान्य उपाय:
- स्त्री के गर्भवती हो जाने के दिन से उसके बाजू पर लाल धागा बांधे जो बाद में संतान के जन्म होने के उपरांत बच्चे को बांध दे। माता को पुनः नया लाल धागा बांध दे। यह धागा बच्चे को १८ मॉस तक बांधे रखे। यह बच्चे की आयु वृद्धि के लिए उत्तम है।
- गौ ग्रास देने से भी सहायता मीलती है।
- संतान वृद्धि के लिए गणेश उपासना उत्तम है।
- राहू अशुभ होने पर संतान जन्म से पूर्व जौ का पानी बोतल में बंद कर के रख लेने पर प्रसव सरलता से हो जाता है।
- घर से सौ या अधिक दिन बहार रहना हो तो नदी पार करते समय ताम्बे का सिक्का नदी में डालने से संतान कष्ट से रक्षा होती है।
- दिन में मीठी रोटिया तंदूर में लगवाकर कुत्ते को खिलाये। मीठी रोटी लोहे के तवे पर न बनाकर तंदूर में ही लगवाये।
- बच्चे जन्म होकर न बचते हो तो जन्म होने पर मीठा न बाटकर नमकीन वस्तु बांटे।
- बच्चे के जन्म से पूर्व बर्तन में दूध व दुसरे बर्तन में खांड स्त्री का हाथ लगाकर रख ले। बच्चा बिना किसी भय के आराम से होगा । बाद में बर्तन समेत दोनों वस्तुए धर्मस्थल में दे दे .अधिक प्रयोग में आने वाले बर्तन से लाभ अधिक रहेगा।
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