Tuesday 7 February 2017

समुद्र शास्त्र के अनुसार आपकी हंसी भी बताती है आपका नेचर

Samudra Shastra Know The Nature According To Smile

हंसना मनुष्य का स्वभाविक गुण है। हंसने से न सिर्फ खून बढ़ता है बल्कि इंसान की उम्र भी बढ़ती है। हर मनुष्य के हंसने का तरीका दूसरे से भिन्न होता है। कोई जोर से हंसता है तो कोई मंद-मंद मुस्कुराता है। समुद्र शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के हंसने के तरीके पर गौर किया जाए तो उसके स्वभाव के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। इसी ग्रंथ के अनुसार आज हम आपको बता रहे हैं मनुष्य की हंसी के अनुरूप उसका नेचर कैसा हो सकता है।



  • खिलखिलाकर हंसने वाले लोग सहनशील, दयालु, सभी का अच्छा सोचने वाले तथा पढाई-लिखाई में आगे होते हैं। ऐसे लोग किसी को धोखा नहीं देते तथा अच्छे प्रेमी होते हैं।

  • ठहाका मारकर ऊंचे स्वर में हंसने वाले लोग अपने जीवन में सफल होते हैं। यदि ऐसी हंसी के साथ चेहरा व्यंगपूर्ण हो तो उनमे अहंकार की भावना भी होती है।

  • रुक-रुक कर हंसने या एक ही विषय पर कुछ देर बाद तक हंसने वाले लोगों की मानसिक शक्ति कमजोर होती है। ऐसे लोग हर काम में असफल रहते हैं।

  • जिन लोगों की मुस्कान शांत होती है वे अपने मन की प्रसन्नता को व्यक्त करते है तथा गंभीर, धैर्यवान, शांतिप्रिय, विश्वासी, ज्ञानी एवं स्थिर प्रवति के होते हैं।

  • घोड़े के समान हिनहिना कर हंसने वाले लोग धूर्त, अहंकारी, कपटी तथा निक्कमे होते हैं। ये लोगों का फायदा उठाने में माहिर होते हैं। इन पर आसानी से विश्वास नहीं किया जा सकता।

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